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Showing posts from 2020

ट्रम्प के करीबी नौ सांसद चीन पर प्रतिबंध के लिए संसद में बिल लाए, अमेरिका ने चीन को घेरने की कवायद तेज की

चीन पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका की संसद में बिल पेश किया गया है। यह बिल नौ सांसदों के समूह ने पेश किया। इसमें कहा गया है कि अगर चीन कोरोनावायरस फैलने के कारणों की पूरी जानकारी नहीं देता है, इस पर काबू करने में सहयोग नहीं करता है तो अमेरिका के राष्ट्रपति को चीन पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति दी जाए। राष्ट्रपति 60 दिन में यह प्रमाणित करेंगे कि चीन ने अमेरिका, उसके सहयोगियों या डब्ल्यूएचओ जैसी संयुक्त राष्ट्र से संबंधित संस्थाओं को कोरोना पर पूरी जानकारी नहीं दी। उसने मांसाहार बेचने वाले उन सभी बाजारों को बंद नहीं किया, जिनसे जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैलने का खतरा था। यह बिल सांसद लिंडसे ग्राहम ने तैयार किया है। आठ अन्य सांसदों ने इस पर उनका साथ दिया। चीन ने जांच की मंजूरी देने से इनकार किया: ग्राहम ये सभी नौ सांसद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी माने जाते हैं। ग्राहम ने कहा कि चीन ने जांच की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में यह बिल लाना जरूरी था। अगर चीन पर दबाव नहीं बनाया गया, तो वह जांच में कभी सहयोग नहीं करेगा।बिल में यह भी कहा गया है कि चीन हांगकांग के लोकतंत्र

पहली बार सुप्रीम कोर्ट जजाें ने बिना गाउन-काेट पहने की सुनवाई, चीफ जस्टिस बाेले- इनसे कोरोना का खतरा, नया ड्रेस कोड जारी किया

कोरोना महामारी ने न्यायपालिका को भी कामकाज के तरीके के साथ ड्रेस कोड बदलने पर मजबूर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में बुधवार काे उस समय नया अध्याय जुड़ गया, जब पहली बार जजों ने बिना जैकेट, कोट और गाउन पहने सुनवाई की। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि कोरोना संकट बने रहने तक के लिए नए ड्रेस कोड का आदेश जारी करेंगे। देर शाम वकीलों और जजों के लिए नया ड्रेस काेड जारी कर दिया गया। पुरुष सफेद कमीज और बैंड, जबकि महिलाएं सफेद साड़ी/सूट और बैंड पहन सकेंगीं सुप्रीम कोर्ट में बुधवार काे वाॅट्सएप पेमेंट सर्विस काे पूरी तरह बंद करने के मामले को लेकर एक याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई चल रही थी। चीफ जस्टिस बोबडे और साथी जज जस्टिस ऋषिकेश राय जैकेट, कोट व गाउन के बिना केवल सफेद कमीज और गले का बैंड पहने हुए थे। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उनसे पूछ लिया कि पीठ ने गाउन क्यों नहीं पहना है? इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर चिकित्सकों की राय मांगी थी। उनके मुताबिक, भारी और फैलाव वाले कपड़ों से यह वायरस आसानी से फैलता है। इस पर विचार करते हुए हम केवल सफ

अब घराें का आर्किटेक्चर बदलेगा; अधिक स्टाेरेज और स्मार्ट टेक्नाेलाॅजी की मांग बढ़ेगी, डाइनिंग रूम होगा दफ्तर, लाेग ज्यादा वेंटिलेशन चाहेंगे

काेराेनावायरस के बाद लाेगाें का रहन-सहन बदलने जा रहा है। आर्किटेक्ट्स और डिजाइनर्स का मानना है कि नए बनने वाले घराें की डिजाइन में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। जिन बाताें काे घर या अपार्टमेंट बनाते समय कम जगह का हवाला देकर नजरअंदाज कर दिया जाता था, उनकी मांग बढ़ेगी। घर में लोग ऑफिस स्पेस, क्लासरूम, आर्ट स्टूडियाे, जिम के साथ स्टाेरेज बढ़वाएंगे। हालांकि, शहरी इलाकाें में यह चुनाैती साबित हाेगा। ‘वर्क फ्राॅम हाेम’ दफ्तर खुलने के बाद भी जारी रहेगा आर्किटेक्ट मैटलैंड जाेन्स कहते हैं, ‘काॅलेज कैंपस की तरह घर में खाने, पढ़ने, साेने की सीमाएं टूट सकती हैं। किसी अपार्टमेंट का एक कमरा कई काम आ सकता है। डाइनिंग रूम, दफ्तर या कुछ और रूप भी ले सकता है।’कमराें का आकार बदल सकता है। घर में छाेटी ऐसी जगह निकाली जा सकती है, जहां प्राइवेट काॅल या वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग कर सकें। 'प्रकृति से जुड़ाव लाेगाें की प्राथमिकता बन जाएगी' ऑर्किटेक्स माॅरिस एड्ज्मी कहते हैं, ‘अब ताजी हवा और प्रकृति से जुड़ाव लाेगाें की प्राथमिकता बन जाएगी। इसे अधिक बालकनी या टेरेस बनाकर पूरा किया जा सकता है।’ आर्किटेक्ट पाॅल

78 हजार 55 केस: महाराष्ट्र में लगातार पांचवें दिन एक हजार से ज्यादा केस, 24 घंटे में सबसे ज्यादा 1946 मरीज ठीक हुए

देश में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 78 हजार से ज्यादा हो गई। बुधवार को 3725 केस सामने आए। महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां लगातार पांचवें दिन एक हजार से ज्यादा मरीज मिले। बुधवार को 1495 संक्रमितमिले। इधर, 24 घंटे में कोरोना केरिकॉर्ड 1946 मरीज ठीक हुए। यह एक दिन में मरीजों के स्वस्थ होने की सबसे बड़ी संख्या है। इससे पहलेएक दिन में सबसे ज्यादा 1905 मरीजमंगलवार को ठीक हुए थे। 11 मई को 1579, 10 मई को 1669, 9 मई को 1414 और 8 मई को 1111 लोग स्वस्थ हुए थे। महाराष्ट्र में लगातार पांचवें दिन 1 हजार से ज्यादा केस महाराष्ट्र में 12 मई को1026, 11 मई को1230,10 मई को 1943 और 9 मई को 1165 संक्रमित मिले थे।ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के आधार पर हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में74हजार 281 कोरोना संक्रमित हैं। 47 हजार 480का इलाज चल रहा है। 24हजार 386ठीक हो चुके हैं, जबकि 2415मरीजों की मौत हुईहै। 5 दिन जब संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए दिन मामले 10 मई 4311 04 मई 3656 11 मई 3610 06 मई 3602 11 मई 3591 26 र

खेरताबाद में घटेगी गणेश प्रतिमा की ऊंचाई, हर साल यहां देश की सबसे ऊंची मूर्ति स्थापित होती है

कोरोनावायरस और लॉकडाउन का असर इस साल के त्योहारों पर भी पड़ने वाला है। इस साल 22 अगस्त से दस दिवसीय गणेश उत्सव शुरू होगा। हैदराबाद जिले में स्थित खेरताबाद का गणेश उत्सव देशभर में प्रसिद्ध है। यहां देश में सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस साल यहां गणेश उत्सव पर कोरोना का असर साफ दिख रहा है। हैदराबाद इस समय रेड जोन में है। इस कारण यहां सख्त लॉकडाउन है।पिछले साल यहां एक करोड़ की लागत से 61 फीट ऊंची, करीब 50 टन वजनी मूर्ति स्थापित की गई थी। 2020 मेंगणेश प्रतिमा की ऊंचाई घटने की संभावनाएं बन रही हैं। खेरताबाद में गणेश प्रतिमा की ऊंचाई कम रहेगी चर्चा तो ये है कि अगर लॉकडाउन और कोरोना का असर थोड़ा और आगे बढ़ता है तो संभवतः यहां की परंपरा के विपरीतबहुत छोटी प्रतिमा ही स्थापित की जा सकती है। हालांकि, समिति ने इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। लेकिन, ये तो लगभग तय है कि इस सालगणेश उत्सव का स्वरूप पिछले सालों की तरह भव्य नहीं होगा। तीन महीने पहले होता है काम शुरू 2019 में 61 फीट ऊंची मूर्ति बनाने का काम मई में शुरू हो गया था। लॉकडाउन के कारण अभी तक मूर्ति बनाने का काम शुरू नहीं

डॉक्टरों की सलाह- बुजुर्गों में डिप्रेशन के मामले 18 से 24% तक बढ़े, उन्हें डराएं नहीं; सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और हाथ-पैर धोने के बारे में बताएं

कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा खतरा60 साल या इससे ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजंस को है। इसलिए इन्हें सरकार नेसीवियर कैटेगरी में रखा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक देश में 60 साल या इससे अधिक उम्र के 16 करोड़ लोग हैं। नीति आयाेग ने सीनियर सिटीजंस के लिए विशेष गाइडलाइन्स भी बनाई हैं। इसमें बताया गया है कि ऐसे लोगों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, जिनकी उम्र ज्यादा है और जिन्हें पहले से कोई बीमारी भी है। कोरोना की वजह सेबुजुर्गों में डिप्रेशन बढ़ा हैदराबाद में कंसल्टेंट साइकोलॉजिस्ट डॉ. प्रज्ञा रश्मि बताती हैं कि इस वक्त बुजुर्गों में डिप्रेशन के मामले 18 से 24 फीसदी तक बढ़े हैं।इसलिए जोसीनियर सिटीजंस अकेले या परिवार के साथ रहते हैं, उन्हें कोरोनावायरस के बारे में ज्यादा से ज्यादा समझाने की जरूरत है। उनके दिल-दिमाग में बसे डर को निकालना होगा। खुद को शांत रखने की कोशिश करें कोरोना ने परिवारों के कई कमजोर पहलुओं को भी उजागर किया है, इसलिए जरूरत इस वक्त इन चीजों पर फोकस करने कीहै। रश्मि कहती हैं कि अगर हम तूफान को शांतकरने की कोशिश करेंगे, तो शायद सफलता न मिले, लेकिन यद

बच्चों में सूखी खांसी नहीं डायरिया और उबकाई भी हो सकते हैं संक्रमण के लक्षण, चीन में ऐसे ही मामले सामने आ रहे

बच्चों में कोरोनावायरस का संक्रमण होने पर डायरिया के साथ बुखार आ सकता है। चीन के बच्चों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।यह दावा चीन में शोध कर रहे बाल रोग विशेषज्ञों ने अपनी रिसर्च में किया है। फ्रंटियर्स इन पीडियाट्रिक्स जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, अगर बच्चों में उबकाई (मितली) और डायरिया के लक्षण दिख रहे हैं तो अलर्ट होने की जरूरत है। कुछ समय पहले व्यस्कों में भी ऐसे ही लक्षण नजर आए थे। चीन से मिले आंकड़ों के अनुसार,50 फीसदी कोरोना मरीजों में पेट में दर्द, उल्टी और डायरिया जैसे लक्षण देखे गए थे। बच्चे कोरोना के गंभीर मरीज नहीं रिसर्च वुहान के टॉन्गजी हॉस्पिटल में की गई है। शोधकर्ता और बाल रोग विभाग के हेड डॉ. वेनबिन ली का कहना है कि ज्यादातर बच्चे कोरोना के गंभीर मरीज नहीं हैं। कुछ ही मामले गंभीर हैं। चीन में जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें बच्चों को पेट से जुड़ी दिक्कतें हो रही हैं। अगर बच्चापहले कभी बीमार रहा है और अब उसे बुखार आ रहा है तो जांच की जरूरत है। शुरुआत में सांस से जुड़ी समस्या नहीं शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना आंतों तक भी पहुंच सकता है। वुहान के टॉन्गजी हॉस्पिटल

1967 के बाद से भारत-चीन सीमा पर एक भी गोली नहीं चली, 1986 के 27 साल बाद 2013 से फिर होने लगे विवाद

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एसएल नरसिम्हन, चीन से जुड़े मामलों के डिफेंस एक्सपर्ट हैं, वह नेशनल सिक्योरिटी एडवायजरी बोर्ड के मेंबर और सेंटर फॉर कंटेमपररी चाइना स्टडीज के डायरेक्टर जनरल भी हैं। नई दिल्ली. 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध से लेकर 2013 तक भारत-चीन सीमा पर सिर्फ दो ही बड़ी घटनाएं घटीं थी। एक 1967 में नाथुला में और एक 1986 में समदोरांग में। 27 साल बाद 2013 में भारत और चीन की सेना ने दौलत बेग ओल्डी सेक्टर और एक साल बाद चुमार में एक दूसरे को घूरकर देखा था। फिर 2017 में डोकलाम वाली घटना हुई। डोकलाम वाली घटना के दौरान ही पैंगॉन्ग लेक में दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प के दौरान स्थति पथराव तक की बनी थी। भारत-चीन सीमा के कई इलाकों को दोनों पक्षों ने विवादास्पद और संवेदनशील माना है। और यहीं झड़प होती रही है। 2007 से सिक्किम में कुछ मसले सामने आने लगे हैं। चीनी सेना ने नवंबर 2007 में जनरल एरिया डोकाला में अस्थाई बंकर तोड़ डाले थे। इसके बाद नॉर्थ सिक्किम का एक छोटा सा ‘फिंगर एरिया’ दोनों सेनाओं के लिए गले की हड्‌डी बन गया। डोकलाम मामले के बाद ही वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष

जानवरों को समझ आती है एक-दूसरे से दूरी बनाने की जरूरत, मादा बंदरों पर की गई रिसर्च में सामने आया

कोरोना संकटकाल में सोशल डिस्टेसिंग को लेकर पशु-पक्षियों से सीख लेने के कई मैसेज वायरल हुए हैं। आम लोगों के साथ वैज्ञानिकों ने भी इस बात को देखा-समझा कि वाकई झुंड में रहने वाले जानवर एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखते हैं। अब इसी बात को शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च से प्रमाणित भी कर दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने जानवरों में कुछ सूक्ष्म जीवाणुओं के प्रसार को कम करने के लिए जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में सबूत पा लिए हैं। इससे यह समझ आता है कि जानवर अपने शरीर को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं और इसी कारण वे समूह में रहकर दूसरे समूह से सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखते हैं। सूक्ष्म जीवों और बंदरों के कनेक्शनस्टडी जर्नल एनिमल बिहेवियर में प्रकाशित यह रिसर्च स्टडी घाना में बोआबेंग और फ़िएमा गांवों के पास एक छोटे से जंगल में 45 मादा कोलोबस बंदरों पर की गई। इसमें उनकी आंतों में मौजूद पाचन क्रिया में मदद करने वाले सूक्ष्मजीवों की मौजूदगी को वैज्ञानिकों ने उनकी आनुवांशिकी, आहार,सोशल ग्रुपिंग और सोशल नेटवर्क में डिस्टेंसिंग जैसे मापदंडों पर परखा है। आंत के सूक्ष्मजीवों की मदद ली गई स्टडी में

नेतन्याहू आज पांचवीं बार पीएम बनेंगे; गठबंधन सरकार के दोनों नेता भारत समर्थक

कोरोनावायरस के संकट के बीच बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर इजराइल केप्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों और तीन बार चुनावों में बहुमत न मिलने के बावजूद उन्होंने राजनीतिक गठजोड़ से पीएम पद पा लिया।इसके लिए उन्होंने अपने विपक्षी बेनी गांत्ज से हाथ मिलाया है। बीबीसी से बातचीत में इजराइल के राजनीतिक विश्लेषक योहानन प्लेसनेर ने इस डील को 'लोकतांत्रिक युद्धविराम' बताया था। नेतन्याहू और प्रधानमंत्री मोदी की पर्सनल कैमिस्ट्री काफी मजबूत मानी जाती है। बेनी गांत्ज भी कई बार भारत को मजबूत लोकतंत्र और उभरती हुई ताकत करार दे चुके हैं। नेतन्याहूलगातार चौथी बार प्रधानमंत्री दोनों नेता कह रहे हैं कि कोरोना काल में देश को स्थिर सरकार की जरूरत है, लिहाजा गठबंधन जरूरी है। एक साल में तीन आम चुनाव हो चुके हैं। दो गठबंधन थे।नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी में से किसी को भीबहुमत नहीं मिल पाया। अब दोनों मिलकर सरकार बना रहे हैं। नेतन्याहू पांचवीं बार देश की बागडोर संभालेंगे। हालांकि, उनका यह लगातार चौथा कार्यकाल होगा। गठबंधन सरकार और शर्तें नेतन्याहू और ग

अमेरिकी कमीशन ने कहा- कोरोना के दौरान भारत में मुस्लिमों को बलि का बकरा बनाया गया; इसी ने भारत को धार्मिक भेदभाव करने वाले देशों की लिस्ट में डालने का सुझाव भी दिया था

अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने बुधवार को एक ट्वीट किया। इसमें कहा गया कि, "साल 2019 के दौरान भारत में धार्मिक आजादी का ग्राफ बुरी तरह नीचे गिरा। इस साल कोरोनावायरस महामारी के दौरान भी यह प्रवृत्ति जारी रही और मुस्लिमों को बलि का बकरा बनाया गया। इन आधारों पर यूएससीआईआरएफ अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट की धार्मिक आजादी के लिए चिंताजनक स्थिति वाले देशों की सूची में भारत को भी डालनेका सुझाव देता है।" अमेरिकी कमीशन का यह ट्वीट 13 मई (बुधवार) का है लेकिन दुनियाभर में धार्मिक आजादी पर वह अपनी रिपोर्ट 28 अप्रैल को ही अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट को सौंप चुका है। इस रिपोर्ट में ही कमीशन ने भारत को 2019 और 2020 के घटनाक्रम के आधार पर विशेष चिंता के विषय वाले देशों (सीपीसी) की लिस्ट में डाला था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक दिन बाद ही (29 अप्रैल) इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि हम इस आयोग को एक विशेष सोच के साथ काम करने वाला संगठन मानते हैं और इसकी रिपोर्ट में कही गई बातों कीपरवाह नहीं करते। Religious freedom in #India durin

मैंने 50 दिन से जैवलिन नहीं थामा, लेकिन परफेक्ट थ्रो के लिए तैयार: नीरज चोपड़ा

भारतीय एथलेटिक्स के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा को 50 दिन से ज्यादा का समय हो गया है जैवलिन को अपने हाथ में थामे हुए। वे बेसब्री से ट्रैक पर लौटकर थ्रो करने का इंतजार कर रहे हैं। ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद माने जा रहे 22 साल के नीरज अपना परफेक्ट थ्रो देने के लिए तैयार हैं। वे इस समय एनआईएस पटियाला में हैं और फिटनेस पर काम कर रहे हैं। इससे पहले वे तुर्की में ट्रेनिंग कर रहे थे। लेकिन, 18 मार्च को उन्हें भारत लौटना पड़ा। वे तब से ही मैदान से दूर हैं। दबाव नहीं लेते नीरज, हर टूर्नामेंट में बेस्ट देना ही उनका लक्ष्य है वर्ल्ड जूनियर रिकॉर्ड होल्डर नीरज का कहना है, ‘मैं दबाव नहीं लेता। लोग अगर मुझसे उम्मीद करते हैं तो ये मेरे लिए गर्व की बात है। ये मुझे मोटिवेशन देता है। मैं न तो माइलस्टोन के बारे में ज्यादा सोचता हूं और न ही मेडल के बारे में। मेरा लक्ष्य हर टूर्नामेंट में बेस्ट देने का होता है। मेरा फोकस उन चीजों पर जो मेरे नियंत्रण में : नीरज नीरज ने कहा किएक दिन में आपको अपना पूरा गेम दिखाना होता है। मेरे सामने प्रभावित करने वाली कई चीजें होती हैं जैसे कि मेरे विरोधी कैसे परफॉर्म

अमेरिका: डॉक्टर भी रो देते हैं, जब मरीज आखिरी बार परिवार से वीडियो कॉलिंग पर बात करता है

अमेरिका के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। कई लोग स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं, लेकिन दिल तब रोता है, जब सामने किसी युवा मरीज की जान जाते देखते हैं। अस्पताल के पीछे शवों को ले जाने के लिए बड़े-बड़े ट्रॉले खड़े हैं। लगता है, मरीज को उस ओर न जाने दें, किसी तरह ठीक कर अस्पताल के आगे के रास्ते से घर भेजें। मौत के चंद मिनट पहले मरीज की परिजन से वीडियो कॉल लगाकर बात कराते हैं। एक केस भूल नहीं पाते कि दूसरा सामने आ जाता है। पिछले हफ्ते 31 साल के एक युवक की मौत से पहले उसकी पत्नी और डेढ़ साल के बच्चे से वीडियो कॉल पर बात कराई थी। वह दृश्य चाहकर भी नहीं भूल पाता हूं। यहां कई मरीज किताब पढ़ते हैं। टैब पर गेम्स खेलते हैं। कुछ लोग सुडोकू भी खेलते हैं। यहां ज्यादा संक्रमण की वजह लॉकडाउन में देरी है मार्च के पहले हफ्ते में अमेरिका ने कोरोना संक्रमण को कम्युनिटी ट्रांसमिशन मान लिया था। वैसे यहां ज्यादा संक्रमण की वजह लॉकडाउन में देरी है। कम उम्र के लोगों की मौत का बड़ा कारण मोटापा है। इधर वैज्ञानिकों ने ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित कर ली है, जिसमें मुंह से लार लेकर आरटी-पीसीआर जांच की जा सकेगी। अब संदिग्ध

लॉकडाउन और डिस्टेंसिंग नहीं मानने पर सार्वजनिक टॉयलेट साफ करने होंगे, पूरे कपड़े पहनकर निकलना जरूरी

इंडोनेशिया सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण रोकने के लिए नए नियम जारी किए हैं। इसके तहत लॉकडाउन तोड़ने और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर सजा के साथ-साथ भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर इंडोनेशिया में ही है। ऐसे में सरकार को मजबूरन लॉकडाउन और डिस्टेंसिंग के नियम सख्त करने का फैसला लेना पड़ा है। नए कानूनों के मुताबिक बिना मास्क पहने बाहर जाने पर करीब ढाई लाख इंडोनेशियाई रुपिया यानी भारतीय मुद्रा में करीब 1300 रुपए चुकाने होंगे। नियम के मुताबिक- बनियान पहनकर बाहर निकलने पर रोक रहेगी अगर कोई कंपनी लॉकडाउन का उल्लंघन करती है या कोई दुकानदार इस दौरान अपना कारोबार खोल देता है, तो उन पर इसके लिए स्थानीय मुद्रा में 5 करोड़ रुपिया यानी भारतीय मुद्रा में करीब ढाई लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए कुछ दिलचस्प प्रावधान भी किए गए हैं। इनके मुताबिक, बनियान पहनकर बाहर निकलने पर रोक रहेगी। 'बड़ी संख्या में इकट्ठाहोने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा' इसके अलावा भीड़भाड़ या बड़ी स

1967 के बाद से भारत-चीन सीमा पर एक भी गोली नहीं चली, 1986 के 27 साल बाद 2013 से फिर होने लगे विवाद

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एसएल नरसिम्हन, चीन से जुड़े मामलों के डिफेंस एक्सपर्ट हैं, वह नेशनल सिक्योरिटी एडवायजरी बोर्ड के मेंबर और सेंटर फॉर कंटेमपररी चाइना स्टडीज के डायरेक्टर जनरल भी हैं। नई दिल्ली. 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध से लेकर 2013 तक भारत-चीन सीमा पर सिर्फ दो ही बड़ी घटनाएं घटीं थी। एक 1967 में नाथुला में और एक 1986 में समदोरांग में। 27 साल बाद 2013 में भारत और चीन की सेना ने दौलत बेग ओल्डी सेक्टर और एक साल बाद चुमार में एक दूसरे को घूरकर देखा था। फिर 2017 में डोकलाम वाली घटना हुई। डोकलाम वाली घटना के दौरान ही पैंगॉन्ग लेक में दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प के दौरान स्थति पथराव तक की बनी थी। भारत-चीन सीमा के कई इलाकों को दोनों पक्षों ने विवादास्पद और संवेदनशील माना है। और यहीं झड़प होती रही है। 2007 से सिक्किम में कुछ मसले सामने आने लगे हैं। चीनी सेना ने नवंबर 2007 में जनरल एरिया डोकाला में अस्थाई बंकर तोड़ डाले थे। इसके बाद नॉर्थ सिक्किम का एक छोटा सा ‘फिंगर एरिया’ दोनों सेनाओं के लिए गले की हड्‌डी बन गया। डोकलाम मामले के बाद ही वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष

कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा

कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इससे पहले 14 फरवरी को अंतरिम जमानत याचिका खारिज हो गई थी। सज्जन कुमार 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में जेल में हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर 2018 को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सिख दंगों के वक्त दिल्ली के राजनगर इलाके में एक परिवार के 5 लोगों की हत्या के मामले में अदालत ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया था। निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी किया था यह मामला 1984 में दिल्ली की पालम कॉलोनी के राजनगर पार्ट-1 में पांच सिखों की हत्या और राजनगर पार्ट-2 में गुरुद्वारा फूंकने से जुड़ा है। निचली अदालत ने 30 अप्रैल 2013 को सज्जन कुमार को बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने सज्जन समेत 6 लोगों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी।अदालत ने सज्जन के अलावा कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, रिटायर्ड नौसेना अधिकारी कैप्टन भागमल और गिरधारी लाल को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें दंगों में एक परिवार के 5 लोगों की हत्या के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट न

अब तक 3664 केस; योगी सरकार ने ट्रांसफर पर रोक लगाई, मुरादाबाद में घर भेजने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे श्रमिक

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोनावायरस संक्रमण के मंगलवार को 112 मरीज सामने आए। अब प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 3664 हो गई है। आगरा में 12 नए मरीज मिलने के बाद अब तककुल संख्या 777 हो गई। इसबीच उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है। इस बीच मुरादाबाद में बुधवार को बिहार के सैकड़ों मजदूर सड़क पर आए गए। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें घर भेजने की व्यवस्था की जाए। अधिकारियों का कहना है कि बिहार सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही उन्हें यहां से भेजा जाएगा। लखनऊ के केजीएमयू में 10, फर्रुखाबाद औरनोएडा में 6-6, कन्नौज औरसिद्धार्थनगर में 5-5,गोरखपुर,मेरठ औरजालौन में 3-3, बिजनौर और गोरखपुर में 2-2, फिरोजाबाद, कासगंज,बुलंदशहर, महाराजगंज औरहापुड़ में एक-एकसंक्रमित मिला। यूपी सरकार ने ट्रांसफर पर लगाई रोक उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है। अब अगले आदेश तककोई ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। मंगलवार को मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने इस संबंध में आदेश जारी किए। हालांकि, अपरिहार्य स्थि