Skip to main content

कोरोना संकट के बीच अमेरिका में मैदान पर खेल की वापसी, ताइवान में बेसबॉल देखने स्टेडियम पहुंचे फैंस 

लंबे समय से कोरोना महामारी झेल रहा खेल जगत अब इससे उबरता हुआ दिख रहा है। जहां कुछ देशों में खेल के इवेंट दोबारा शुरू हो गए हैं, तो वहीं कुछ जगह फैंस भी खेल देखने स्टेडियम में पहुंच रहे हैं। कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में भी खेल की वापसी हो गई है। वहां शनिवार रात अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप (यूएफसी) 249 के मुकाबले हुए।

यह अमेरिका में करीब दो महीने बाद हुआ खेल का पहला इवेंट था। अमेरिका के 31 साल के मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट जस्टिन गेजे चैंपियन बने। शनिवार को 11 फाइट हुईं। सभी में फैंस की एंट्री बैन थी। सिर्फ फाइटर, उनके कोच, यूएफसी से जुड़े कर्मचारी, ब्रॉडकास्ट क्रू और कुछ जर्नलिस्ट थे। अमेरिका में 13 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं।

900 फैंस ने स्टेडियम में बैठकर बेसबॉल मैच देखा

ताइवान के रोग नियंत्रण केंद्र ने एक स्टेडियम में 1000 फैंस को मैच देखने की अनुमति दे दी है। न्यू ताइपे सिटी के जिनजुआंग स्टेडियम में करीब 900 फैंस घरेलू टीम फुबोन गार्डियंस और यूनीलाॅयंस का मैच देखने पहुंचे।

ताइवान में फैंस भी स्टेडियम पहुंचने लगे हैं।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
अमेरिका के 31 साल के मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट जस्टिन गेजे चैंपियन बने।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2SR7QhE
via IFTTT

Comments

Popular posts from this blog

पहाड़ पर चढ़ाई के बाद ही मौत के मुंह में पहुंचे; फेफड़े सफेद हो चुके थे, 32 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद कोरोना से जीती जंग

(पाम बेलुक) मार्च के अंत में मैसाचुसेट्स की किम बेलो ने डॉ. से फोन पर पूछा- क्या मेरे पति लौट आएंगे?’ उनके 49 साल के पति जिम हॉस्पिटल में कोरोनोवायरस से जूझ रहे थे। डॉ. ने कहा- ‘हम कोशिश कर रहे हैं। अगर ईमानदारी से कहूं, तो बचने की संभावना कम है।’ किम बताती हैं- ‘जिम ने 7 मार्च को न्यू हैम्पशायर के 2000 मी. ऊंचे व्हाइट माउंटेन पर चढ़ाई की थी। लौटे, तो तेज बुखार था। खांसी और सीने में जकड़न होने लगी। डॉक्टर ने एंटीबायोटिक्स देकर घर भेज दिया। 6 दिन बाद 103 डिग्री बुखार और सांस लेने में तकलीफ बढ़ी। डॉक्टरों ने तुरंत वेंटिलेटर लगा दिया। जिम ने पूछा- अगर मैं जीवित नहीं लौटा तो... उन्होंने मुझे उसी तरह देखा, जब हम पहली बार मिले थे।’ मैसाचुसेट्स हॉस्पिटल के डॉ. पॉल करियर बताते हैं- ‘जिम का एक्स-रे देखकर हम हैरान रह गए। फेफड़े सफेद पड़ चुके थे। यह मेरी जिंदगी का सबसे खराब चेस्ट एक्स-रे था। हमें लगा कि उन्हें बचा नहीं पाएंगे। फिर भी एक्सपरिमेंटल ड्रग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, रेमडीसिविर और वेंटिलेटर आजमाया। इससे काम नहीं बना तो हेल मैरी सिस्टम अपनाया। इसके लिए वेंटिलेटर को 30 सेकंड के लिए हटाना थ...